सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

10भागवतके दस लक्षण

 भागवतके दस लक्षण 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

1/19अंत समय क्या करें?

 अतः पृच्छामि संसिद्धिं योगिनां परमं गुरुम् ⁠।             पुरुषस्येह यत्कार्यं म्रियमाणस्य सर्वथा ⁠।⁠।⁠३७              आप योगियोंके परम गुरु हैं, इसलिये मैं आपसे परम सिद्धिके स्वरूप और साधनके सम्बन्धमें प्रश्न कर रहा हूँ⁠। जो पुरुष सर्वथा मरणासन्न है, उसको क्या करना चाहिये? ⁠।⁠।⁠३७⁠।⁠। अंत समय में क्या करें? अंत समय में वह करें जो अगले दिन करना है, भविष्य में करना है,प्रलय समाप्त होने के बाद करना है। राजा सत्यव्रत ने अंत समय में जो किया वह अगले मन्वंतर में उसको करना पड़ा। सोते वक्त व्यक्ति जो सोचता है दूसरे दिन सुबह वही विचार शुरू होते हैं,इसलिए अंत समय में वह करें जो अगले दिन अगले जन्म में करना है। राजा परीक्षित ने अंत समय में क्या किया? अथो विहायेमममुं च लोकं विमर्शितौ हेयतया पुरस्तात् ⁠। कृष्णाङ्घ्रिसेवामधिमन्यमान उपाविशत् प्रायममर्त्यनद्याम् ⁠।⁠।⁠५ या वै लसच्छ्रीतुलसीविमिश्र- कृष्णाङ्घ्रिरेण्वभ्यधिकाम्बुनेत्री ⁠। पुनाति लोकानुभयत्र सेशान् कस्तां न सेवेत मरिष्यमाणः ⁠।⁠।⁠६ इति व्यवच्छिद्य स पाण्डवेयः प्रायोपवे...

2ध्यान विधि

 भगवान्‌के स्थूल और सूक्ष्मरूपोंकी धारणा तथा क्रममुक्ति और सद्योमुक्तिका वर्णन  कोई-कोई साधक अपने शरीरके भीतर हृदया-काशमें विराजमान भगवान्‌के प्रादेशमात्र स्वरूपकी धारणा करते हैं⁠। वे ऐसा ध्यान करते हैं कि भगवान्‌की चार भुजाओंमें शंख, चक्र, गदा और पद्म हैं ⁠।⁠।⁠८⁠।⁠। उनके मुखपर प्रसन्नता झलक रही है⁠। कमलके समान विशाल और कोमल नेत्र हैं⁠। कदम्बके पुष्पकी केसरके समान पीला वस्त्र धारण किये हुए हैं⁠। भुजाओंमें श्रेष्ठ रत्नोंसे जड़े हुए सोनेके बाजूबंद शोभायमान हैं⁠। सिरपर बड़ा ही सुन्दर मुकुट और कानोंमें कुण्डल हैं, जिनमें जड़े हुए बहुमूल्य रत्न जगमगा रहे हैं ⁠।⁠।⁠९⁠।⁠। उनके चरणकमल योगेश्वरोंके खिले हुए हृदयकमलकी कर्णिकापर विराजित हैं⁠। उनके हृदयपर श्रीवत्सका चिह्न—एक सुनहरी रेखा है⁠। गलेमें कौस्तुभमणि लटक रही है⁠। वक्षःस्थल कभी न कुम्हलानेवाली वनमालासे घिरा हुआ है ⁠।⁠।⁠१०⁠।⁠। वे कमरमें करधनी, अँगुलियोंमें बहुमूल्य अँगूठी, चरणोंमें नूपुर और हाथोंमें कंगन आदि आभूषण धारण किये हुए हैं⁠। उनके बालोंकी लटें बहुत चिकनी, निर्मल, घुँघराली और नीली हैं⁠। उनका मुखकमल मन्द-मन्द मुसकानसे खिल रहा है...