आज कृतिका नक्षत्र है, १९. अंत समय में क्या करें? द्वितीय स्कन्ध ध्यान-विधि और भगवान्के विराट्स्वरूपका वर्णनभगवान्के स्थूल और सूक्ष्मरूपोंकी धारणा तथा क्रममुक्ति और सद्योमुक्तिका वर्णन कुंडलिनी जागरण ३-कामनाओंके अनुसार विभिन्न देवताओंकी उपासना तथा भगवद्भक्तिके प्राधान्यका निरूपण ४-राजाका सृष्टिविषयक प्रश्न और शुकदेवजीका कथारम्भ ५- सृष्टि-वर्णन ६-विराट्स्वरूपकी विभूतियोंका वर्णन ७-भगवान्के लीलावतारोंकी कथा ८- राजा परीक्षित्के विविध प्रश्न ९-ब्रह्माजीका भगवद्धामदर्शन और भगवान्के द्वारा उन्हें चतुःश्लोकी चतुःश्लोकी भागवत भागवतका उपदेश १०- भागवतके दस लक्षण तृतीय स्कन्ध १- उद्धव और विदुरकी भेंट
सारे वेद आपके सदगुणों का वर्णन करते हैं।इसलिए संसार के सभी विद्वान आपके मंगलमय कल्याणकारी गुणों के श्रवण स्मरण आदि के द्वारा आप से ही प्रेम करते हैं, और आपके चरणों का स्मरण करके संपूर्ण क्लेशों से मुक्त हो जाते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें